हर कहानी जिसमें सिगरेट, धुँआ, धुँए का छल्ला, यादों का आईना, मैसेज, मोबाईल फ़ोन पर चैट, खिड़की से वहाँ देखना जहाँ अब कोई नहीं है, फ़लाना अंकल की मैगी, आॅमलेट में ज़्यादा प्याज़ डलवाने की आदत, पार्क के बैंच पर ख़ाली जगह जहाँ वो बैठती थी…. इत्यादि हो, ज़रूरी नहीं की कहानी बन जाएगी!
वैसे ही ओस की बूँद, बारिश का पानी, पलकों का भींगना लिखने से कविता नहीं हो जाती।
कहानी या कविता अच्छे शब्दों का झुंड मात्र नहीं होता। और वैसे भी ये सारी बातें, मुहावरे इतने घिस गए हैं कि पाठक उसे देखते ही पूरी रचना को ख़ारिज कर देते हैं।
बिना बात के कहानी लिखने के लिए उसमें धुँआ और पलकों का भींगना मत घुसेड़िए। इससे पाठक की झुँझलाहट बढ़ती है कि क्या लिख दिया है! ऐसी कई रचनाएँ मैंने पिछले दिनों ख़ारिज की हैं।
कहानी में भाव होता है या कुछ घटता है, या दोनों होते हैं। जब तक कुछ रुचिकर नहीं होगा कोई क्यों पढ़ेगा?
‘मैं वहीं गया जहाँ सात साल पहले रहता था। वही बस, वही चाय की दुकान। हाँ चायवाला का सर गंजा हो गया था और फलाने की लड़की बड़ी हो गई थी। लौट रहा हूँ लेकिन यादें हैं साथ में।’
भाई मेरे, फलाने की लड़की तो बड़ी होगी ही। सात साल बीत गया दोस्त! इसमें क्या कहानी है मेरी समझ के बाहर है। जब तक लड़की भाग गई किसी के साथ, चाय की दुकान नहीं थी वहाँ, चायवाला दंगे में मारा गया, बस अब उधर से नहीं जाती… या सब सामान्य था लेकिन मंदिर का लाउडस्पीकर नहीं बजता था…
कुछ तो दो भाई पढ़ने को! ये लौंडों की अलग परेशानी है। इन्हें लगता है कि सिगरेट में ही पूरी दुनिया है। इसी के धुँए में सारी बात, सारी यादें उड़ जाती हैं। ‘उसने मना किया था, मैंने छोड़ दिया, फिर पीने लगा, फिर छोड़ दिया…’
कहानी कहीं ले जानी चाहिए चाहे भावनात्मक स्तर पर हो या काल्पनिक जगह। उसमें कुछ घटता है। कहानी राजा और रानी के होने से नहीं होती। कहानी में ‘राजा और रानी शिकार पर जाते हैं और फिर अचानक….’ कहानी में राजा और रानी में नहीं बनती और एक दिन वो उसे गुलाब भेजता है। कहानी में राजा और रानी के बच्चा नहीं हो रहा होता। कहानी में राजा एक दिन लड़ने जाता है। कहानी में राजा सिगरेट पीकर धुँए का छल्ला बनाकर याद नहीं करता की रानी ने मना किया था! कहानी राजा और रानी के रोज़ बाग़ जाने की नहीं होती है अगर बाग़ में बम ना फूटा हो, बाग़ में साँप ना निकला हो, बाग़ में बारिश ना हुई हो…
बात समझिए। शब्दों और वाक्यों को टाईप करने से कहानी नहीं होती, कहानी बुलाती है कि पढो, भगाती नहीं।
Sir mujhe iss pe script likhani hay to sir aap bato script kaise likhte hay
Sir hamne ek kahani likhi hay jo rajniti pe adharit hay eye kahani ek gao ke mukhiya ki kahani hay
Sir, kya story likhte waqt comma, full stop etc in sabhi par dhayan dena zaroori hai.
पहले कहानी लिख लीजिए, फिर एडिटिंग के वक्त देख लीजिए कि क्या सुधार हो सकते हैं। अगर लिखते समय ही ये किया जा सकता है, तो आपका समय बचेगा।
main bhi ek kahani likhna cahta hu magar usko samjhega kon kaha usko dikhaun
Kahani mai kya hona chahiye jisse ki koi nirmata hato haat lele aur sabhi ko pasand aaye plz tell me
Please watch this video. It has a few answers: https://www.facebook.com/AjeetBh/videos/vb.100000741037908/1652919461409406/?type=3&theater
कथा और कादंबरी दोनो एक ही है या अलग है? अलग होगी तो स्पष्टीकरन देके सहाय करें।
जहाँ तक अर्थ का सवाल है तो कादंबरी का मतलब होता है ‘शराब’, ‘कोकिला’, या मैना’
इसके इतर मेरा ज्ञान नहीं है, इसलिए माफ़ी चाहूँगा।
behtareen sir ji
शुक्रिया